वर्ल्ड वाइड वेब क्या है ? WWW के बारे में ये नहीं जानते आप?- WHAT IS WORLD WIDE WEB(WWW)?
दोस्तों world wide web जिसे सामान्यत: वेब भी कहा जाता है और इसको शोर्ट फॉर्म में www भी कहा जाता है | वर्ल्ड वाइड वेब एक विशाल सूचनाओं का डेटाबेस है तथा हर सूचना एक दूसरी सुचना से जुड़ा होता है । इसके बारे में जाने उस से पहले यह जान लेना जरुरी है कि जितना आसान इन्टरनेट को इस्तेमाल करना है उतना है इसके पीछे काम कर रही तकनीक जो वैसे तो जटिल है लेकिन थोडा ध्यान से अध्ययन के बाद इसे आराम से समझा जा सकता है | तो चलिए हम बात करते है world wide web के बारे में |
वर्ल्ड वाइड वेब क्या है ?
क्या है वर्ल्ड वाइड वेब – world wide web या www के बारे में समझाने से पहले मैं आपको बता दूँ कि मैं यंहा कोई बेहद तकनीकी या जटिल परिभाषा देने के लिए नहीं हूँ बल्कि मैं आपको बेहद सरल तरीके से समझाने की कोशिश करूँगा कि ये असल में क्या होती है और किस तरह से काम करती है तो सबसे पहले एक उदाहरण के जरिये ही इसे समझने की कोशिश करते है | आप पूरे दिन भर में इन्टरनेट का इस्तेमाल करते है और एक से दूसरी वेबसाइट पर सूचनाओं के लिए जाते रहते है और यह बेहद आसान है हम किसी वेबसाइट पर जब किसी आर्टिकल को पढ़ रहे होते है और वंहा कुछ links दिए होते है जो अलग अलग सूचनाओं के पेजेज पर जाने के लिए होते है आप उस लिंक पर click करते है तो किसी दूसरी जगह किसी दूसरी सूचना तक पहुँच जाते है |
वर्ल्ड वाइड वेब और इंटरनेट दोनों दो चीजे हैं परन्तु दोनों एक-दूसरे पर निर्भर हैं । वर्ल्ड वाइड वेब जानकारी युक्त पेजों का विशाल संग्रह है जो एक दूसरे से जुड़ा है । जिसे वेब पेज कहते हैं । वेब पेज HTML भाषा में लिखा होता है जो कंप्यूटर में प्रयुक्त होने वाली एक भाषा है । वेब पेज को जो रोचक बनाता है वह है हाइपरलिंक(Hyperlink), जिसे अक्सर लिंक कहा जाता है ।
उदाहरण के लिए आप http://www.meriadvice.com साईट पर अगर जाते है तो यह देखिये कि http://www.meriadvice.com/ जो है वो इसकी वेबसाइट का एड्रेस है जिसका फॉर्मेट कुछ इस तरह का होता है कि इसके शुरुआत में www लगा है और आगे उस वेबसाइट का पता है इसे हम यूआरएल (URL) कहते है या इसे हम link भी कहते है लेकिन जब आप इस वेबसाइट पर जाते है तो किसी ब्लॉग को पढ़ चुकने के बाद आपको नीचे कुछ आर्टिकल्स के लिंक दिए होते है जिनका टाइटल भी होता है आप उस टाइटल को पढ़ कर किसी दूसरी ब्लॉग या खबर पर जा सकते है अगर वो टाइटल आपको अच्छा लगा या आप उसे पढने में इंटरेस्टेड है | अगर आपको वो आर्टिकल टाइटल अच्छा लगता है तो आप उस खबर को पढ़ने के लिए उस पर क्लिक करते है और आप दूसरे पेज पर चले जाते है | अपने जिस टाइटल पर क्लिक किया होता है वो असल में एक link की तरह काम करता है जो दूसरे पेज पर जाने के लिए होता है और पूरा इन्टरनेट करीब करीब इसी तरह काम करता है और इस तरह के तरीके में सूचनाओं को एक तरीके से सहेज कर रखने में मदद मिलती है और हम आसानी से अपनी पसंद की सूचनाएँ खोज पाते है |
तो हम आसान भाषा में यह कह सकते है कि World Wide Web यानि के www एक तरह से सूचनाओं को सहेज और इन्टरनेट के माद्यम से उन्हें प्रदर्शित करने का एक ऐसा तरीका है जिसमे कंटेंट या आर्टिकल्स एक दूसरे से links के जरिये जुड़े रहते है , हम यह भी कह सकते है कि www एक ऐसा ऐसी जगह है जन्हा कंटेंट्स की पहचान या उन्हें access करने का जरिया URLs होते है और जिसमे कंटेंट आपस में hypertext links के जरिये जुड़े होते है और उन्हें इन्टरनेट के द्वारा access किया जा सकता है कंही से भी | सरल भाषा में कहे तो हर लिंक किसी दूसरे पेज को इंगित करता है और जब हम इस पर क्लिक करते हैं तो हमारा ब्राउज़र लिंक से जुड़े पेज को उपलब्ध कराता है । अतः वर्ल्ड वाइड वेब एक विशाल सूचनाओं का डेटाबेस है तथा हर सूचना एक दूसरी सुचना से जुड़ा है |
When was started WWW – वर्ल्ड वाइड वेब(www) को टिम बर्नर्स ली ने 1989 में यूरोपीय नाभिकीय अनुसंधान संगठन जो कि अब जेनेवा, स्वीट्ज़रलैंड में है, में काम करते वक्त बनाया गया था हालाँकि Tim Berners-Lee ने 1989 में इस बारे में सबसे पहले बता दिया था लेकिन सबसे पहले 6 August 1991 को यह दुनिया के लिए लाइव हुआ सो हम कह सकते है कि आधुनिक इन्टरनेट की शुरुआत तभी से हुई थी और कमाल की बात ये है कि उस समय तक लोग जानते भी नहीं थे कि इन्टरनेट है क्या और कैसे यह काम करता है और जिस इन्टरनेट को हम जानते है वो आपके सामने ही है |
वेब कैसे काम करता है?
वर्ल्ड वाइड वेब पर एक वेब पन्ने को देखने की शुरुआत सामान्यत: वेब ब्राउजर(web Browser) जैसे Google Chrome, Firefox, Opera, Internet Explorer में उसका यूआरएल लिख कर अथवा उस पन्ने के हाइपरलिंक का पीछा करते हुए होती है। तब उस पन्ने को ढूंढ कर प्रर्दशित करने के लिए वेब ब्राउजर अंदर ही अंदर संचार संदेशों की एक श्रृंखला आरंभ करता है।
सबसे पहले यूआरएल के सर्वर-नाम वाले हिस्से को विश्व में वितरित इन्टरनेट डाटा-बेस, जिसे डोमेन नाम प्रणाली के नाम से जाना जाता है, की सहायता से आईपी पते में परिवर्तित कर दिया जाता है। वेब सर्वर से संपर्क साधने और डाटा पैकेट भेजने के लिए ये आईपी पता जरुरी है।
उसके बाद ब्राउजर वेब सर्वर के उस विशिष्ट पते पर हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल की request भेज कर रिसोर्स से अनुरोध करता है। एक आम वेब पन्ने की बात करें तो, वेब ब्राउजर सबसे पहले उस पन्ने के एच.टी.एम.एल. टेक्स्ट के लिए अनुरोध करता है और तुंरत ही उसका पदच्छेद कर देता है। उसके बाद वेब ब्राउजर पुनः अनुरोध करता है उन फोटो, विडियो और Text के लिए जो उस पन्ने के भाग हैं। एक वेबसाइट की लोकप्रियता सामान्यत: इस बात से मापी जाती है कि कितनी बार उसके पन्नों को देखा गया या कितनी बार उसके सर्वर को हिट किया गया या फिर कितनी बार उसकी संचिकाओं के लिए अनुरोध किया गया।
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